यूट्यूब पर उपलब्ध एक वीडियो में खान सर ने बचपन से लेकर टीचिंग प्रोफेशन में आने की कहानी बताई. खान सर के अनुसार, उनका बचपन गरीबी में गुजरा. हालात ऐसे थे कि उन्हें हर चीज लिमिट में मिलती थी. जब वे स्कूल जाते थे तो उन्हें आधी पैंसिल दी जाती थी. खान सर ने बताया कि वे एक औसत स्टूडेंट थे हालांकि, हर युवा की तरह खान सर भी पढ़-लिखकर कुछ बनना चाहते थे. इसी हरसत में उन्होंने सेना में भर्ती होने के लिए एग्जाम दिया, लेकिन सफल नहीं हो सके. इसके बाद इंजीनियरिंग और एनडीए का एग्जाम भी दिया, लेकिन मेडिकली अनफिट होने के कारण सिलेक्ट नहीं हो सके. बीएससी की पढ़ाई पूरी करने के बाद खान सर को उनके दोस्त हेमंत ने पढ़ाने का आइडिया दिया.
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